Friday, August 28, 2020

सुप्रीम कोर्ट ने आशूरा के जुलूस की इजाज़त देने से इन्कार किया, कहा कोरोना फैलने के लिए शिया समुदाय पर निशाना साधा जाएगा

 

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने पूरे देश में आशूरा का जुलूस निकालने के लिए अनुमित देने की याचिका को गुरुवार को ख़ारिज कर दिया।

अदालत ने कहा कि वह ऐसा आदेश नहीं देगी जो इतने लोगों के स्वास्थ्य को ख़तरे में डाल दे। उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर आशूरा के जुलूस की इजाज़त दी गई तो इससे अराजकता हो सकती है और कोरोना वायरस को फैलाने के लिए शिया समुदाय को निशाना बनाया जाएगा। चीफ़ जस्टिस एस.ए. बोबडे ने कहा कि अगर हम देशभर में मुहर्रम पर जुलूस निकालने की इजाज़त देते हैं तो इससे अराजकता हो जाएगी और एक समुदाय को कोविड-19 महामारी फैलाने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा।

 

सर्वोच्च अदालत में लखनऊ के इमामे जुमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद की याचिका पर सुनवाई की जा रही थी, जो देश भर में आशूरा जुलूस निकालने की इजाज़त चाह रहे थे। याचिका पर अदालत की तरफ़ से रथ यात्रा फ़ेस्टिवल की अनुमति का हवाला दिया गया था। चीफ़ जस्टिस ने कहा कि आप पुरी जगन्नाथ यात्रा का संदर्भ दे रहे हैं, जो एक जगह पर और एक रुट पर तय थी। उस केस में हमने ख़तरे का आकलन करने के बाद आदेश दिया था लेकिन आप देशभर के लिए इजाज़त मांग रहे हैं। चीफ़ जस्टिस ने कहा कि अगर आपने एक जगह के लिए इजाज़त मांगी होती तो हम उस ख़तरे का आकलन कर सकते थे। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि राज्य सरकारें भी इस याचिका के पक्ष में नहीं हैं।

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